मनमोहन उदक न जाये, राधिका धीरे से झुलाय दियो पालना हो माँ

मनमोहन उदक न जाये
राधिका धीरे से झुलाय दियो पालना हो माँ
मइया धीरे से झुलाय दियो पालना हो माँ

मइया काहे के पलना बने हो माँ
मइया काहे की लागी रस डोर.... राधिका....

मइया चन्दन के पलना बने हो माँ
मइया रेशम लागी रस डोर.... राधिका....

मइया को जो पलना झूलिहैं हो माँ
मइया को जो खींचे रस डोर.... राधिका....

मइया देवी पलना झूलिहैं हो माँ
मइया लांगुर खींचे रस डोर.... राधिका....

मइया कैसे के पलना टूटिहैं हो माँ
मइया कैसे के टूटे रस डोर.... राधिका....

मइया झूलत पलना टूटिहैं हो माँ
मइया खींचत टूटे रस डोर.... राधिका....
मइया धीरे से झुलाय दियो पालना हो माँ

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