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Showing posts from September, 2018

सब देवों ने फूल बरसाये, महाराज गजानन आये

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सब देवों ने फूल बरसाये, महाराज गजानन आये प्रभु कौन तुम्हारी माता है , तुम किनके लाल कहाये, महाराज गजानन आये..... प्रभु पार्वती मेरी माता है, शिवशंकर के लाल कहाये, महाराज गजानन आये..... प्रभु कौन तुम्हारी पूजा है, तुम किनके भोग लगाये, महाराज गजानन आये..... प्रभु होम-धूप मेरी पूजा है, मोदक के भोग लगाये, महाराज गजानन आये..... प्रभु कौन तुम्हारी सवारी है, तुम किनके चक्र लगाये, महाराज गजानन आये..... प्रभु मूसक मेरी तुम्हारी सवारी है, पृथ्वी के चक्र लगाये, महाराज गजानन आये.....

हनुमत तुम्हारे सहारे मैंने आज, सागर में नइया छोड़ दई

हनुमत तुम्हारे सहारे मैंने आज, सागर में नइया छोड़ दई काहे की तेरी नाव बनी है, काहे की पतवार ऐजी काहे की लागी जंजीर, सागर में नइया छोड़ दई..... चन्दन की मेरी नाव बनी है, चाँदी की पतवार, ऐजी सोने की लागी जंजीर, सागर में नइया छोड़ दई..... कौन हैं उसमे बैठन वाले, कौन हैं खेवनहार ऐजी कौन लगइहैं बेड़ा पार , सागर में नइया छोड़ दई..... रामजी उसमे बैठन वाले, लक्ष्मण खेवनहार हनुमत भइया लगइहैं बेड़ा पार , सागर में नइया छोड़ दई.....   

गजला गुह ले री मालिनिया, तेरे घर आ रहे राजकुमार

गजला गुह ले री मालिनिया, तेरे घर आ रहे राजकुमार - २ कै फूलों का गजला गुह लूँ , कै फूलों का हार कै फूलों की करूँ आरती होवें जय-जयकार नौ फूलों का गजला गुह, सात फूलों का हार पाँच फूलों की करूँ आरती होवें जय-जयकार किनके गले में गजला डालूँ, किनके डालूँ हार किनकी मैं तो करूँ आरती होवें जय-जयकार राम गले में गजला डालूँ, लक्ष्मण डालूँ हार सीता जी की करूँ आरती होवें जय-जयकार

गजानन देवा मनाऊँ कैसे-कैसे

गजानन देवा मनाऊँ कैसे-कैसे छोटा-सा मस्तक तुम्हारा गजानन शिवालय का चन्दन लगाऊँ कैसे-कैसे .... कर्ण तुम्हारे बड़े हैं गजानन शिवालय के कुण्डल पहनाऊँ कैसे-कैसे .... उदर तुम्हारा बड़ा है गजानन शिवालय का मोदक खिलाऊँ कैसे-कैसे .... चरण तुम्हारे हैं छोटे गजानन शिवालय के नूपुर पहनाऊँ कैसे-कैसे ....

प्रभु जी आप चले वनवास, अकेली घर मैं रह जाऊँगी

प्रभु जी आप चले वनवास अकेली घर मैं रह जाऊँगी - २ भोर होत तालों में जाऊँ निर्मल जल भर लाऊँ कि प्रभु जी आप करो स्नान मैं धीरे-धीरे जल बरसाऊँगी ... भोर होत बागों में जाऊँ सुन्दर फूल ले आऊँ कि प्रभु जी आप करो पूजा-पाठ मैं धीरे-धीरे फूल चढ़ाऊँगी ... भोर होत रसोई-घर जाऊँ सुन्दर भोज पकाऊँ कि प्रभु जी आप करो जल-पान मैं धीरे-धीरे बिजनी डुलाऊँगी ... साँझ होत सेज-घर जाऊँ सुन्दर सेज सजाऊँ कि प्रभु जी आप करो विश्राम  मैं धीरे-धीरे चरण दबाऊँगी ... 

ठुमक-ठुमक चली अइयो, हमारे अँगना अम्बे मइया

ठुमक-ठुमक चली अइयो, हमारे अँगना अम्बे मइया गलियन-गलियन  फूल बिछे हैं - २ छम-छम कर चली अइयो हमारे अँगना अम्बे मइया..... गलियन-गलियन  झूला डले हैं - २ झूला झूलत चली अइयो हमारे अँगना अम्बे मइया..... नव दिन की मइया झाँकी सजी है - २ सोलह श्रृंगार कर अइयो हमारे अँगना अम्बे मइया.....

काले-काले नाग वाला काले जटों वाला है

काले-काले नाग वाला काले जटों वाला है भूत-प्रेत संग लिए दूल्हा बना आता है नारद के वचनों से आय गयी वर मइया मैं तो गयी डर...... देखो जैसा दूल्हा है वैसे ही बाराती हैं कोई बिन पैरा - बिन पैरों के संगाती हैं काले नाग लपेटे देखो वो ही विषधर मइया मैं तो गयी डर...... दूल्हा देख मैना मारी है गुहारी शादी नहीं करूँ चाहे रहे गौरा कुंवारी उमा की किस्मत में लिखा यही वर मइया मैं तो गयी डर......

मनमोहन उदक न जाये, राधिका धीरे से झुलाय दियो पालना हो माँ

मनमोहन उदक न जाये राधिका धीरे से झुलाय दियो पालना हो माँ मइया धीरे से झुलाय दियो पालना हो माँ मइया काहे के पलना बने हो माँ मइया काहे की लागी रस डोर.... राधिका.... मइया चन्दन के पलना बने हो माँ मइया रेशम लागी रस डोर.... राधिका.... मइया को जो पलना झूलिहैं हो माँ मइया को जो खींचे रस डोर.... राधिका.... मइया देवी पलना झूलिहैं हो माँ मइया लांगुर खींचे रस डोर.... राधिका.... मइया कैसे के पलना टूटिहैं हो माँ मइया कैसे के टूटे रस डोर.... राधिका.... मइया झूलत पलना टूटिहैं हो माँ मइया खींचत टूटे रस डोर.... राधिका.... मइया धीरे से झुलाय दियो पालना हो माँ

गूथंन बैठी हार सुलोचन नारी है, आज मेरे पति आयें जीत रण भारी है

गूथंन बैठी हार सुलोचन नारी है आज मेरे पति आयें जीत रण भारी है जयमाल बनी अति सुन्दर नहीं मुख से जात बखानी मैं डालू गले में उसके जो आये जीत रण भारी जीत रण भारी है, आज मेरे पति आयें जीत रण भारी है ..... जब कड़क से चूड़ी कड़की जब आँख दाहनी फड़की जब सर से सरकी सारी मन में हुआ संशय भारी कि संशय भारी है, आज मेरे पति आयें जीत रण भारी है ..... जब कटी भुजायें आयीं तब सती देख उदघायीं धड़ पड़ा है लंक में सारा शीश जहाँ राम अवतारी हैं जहाँ राम अवतारी हैं, आज मेरे पति आयें जीत रण भारी है ..... 

धन्य-धन्य भाग्य जटायी, जो लिए गोद रघुराई

धन्य-धन्य भाग्य जटायी, जो लिए गोद रघुराई जब दशा गीद की देखत हैं करुणा कर पंकज फेरत हैं द्रग से जलधार बहाई जो लिए गोद रघुराई ..... घावों में बालू अधिक भरी प्रभु छोड़ जटा निज बाँह धरी तन की सब धूरि झराई जो लिए गोद रघुराई ..... जग जीवन देने को कहते हैं पर गीदराज नहीं हां कहते सुर लोक देव पहुंचाई जो लिए गोद रघुराई ..... करुणा कर करुणा कीन्ही  है बहु भांति नाथ सुध लीन्ही है सिय की निज खबर भुलाई जो लिए गोद रघुराई .....  पितृ तुल्य क्रिया कर कीन्ही  है बहु भांति नाथ सुध लीन्ही है निज लोक दिया पहुंचाई  जो लिए गोद रघुराई ..... 

सिंहों पे हो गयी सवार

सिंहों पे हो गयी सवार, सवार महारानी सिंहों पे हो गयी सवार सिंहों पे सवार मइया तालों गयी थीं धोबी पे हो गयी दयाल दयाल महारानी सिंहों पे हो गयी सवार ..... सिंहों पे सवार मइया कुओं गयी थीं कहरा पे हो गयी दयाल दयाल महारानी सिंहों पे हो गयी सवार ..... सिंहों पे सवार मइया बागों गयी थीं माली पे हो गयी दयाल दयाल महारानी सिंहों पे हो गयी सवार ..... सिंहों पे सवार मइया महलों गयी थीं राजा पे हो गयी दयाल दयाल महारानी सिंहों पे हो गयी सवार ..... सिंहों पे सवार मइया मंदिर गयी थीं भक्तों पे हो गयी दयाल दयाल महारानी सिंहों पे हो गयी सवार ..... 

अम्बे मइया का पहाड़, लांग सीढ़िया हजार

अम्बे मइया का पहाड़, लांग सीढ़िया हजार दर्शन करने को आयी मैं आयी तेरे द्वार पहले पहर मइया कन्या जैसी लागे गोदी में उठा लो कितनी प्यारी-प्यारी लागे देखो माँ का दरबार हुआ कैसा चमत्कार दर्शन करने को आयी मैं आयी तेरे द्वार..... दूजे पहर मइया दुल्हन जैसी लागे डोली में बिठा दो कितनी प्यारी-प्यारी लागे देखो माँ का दरबार हुआ कैसा चमत्कार दर्शन करने को आयी मैं आयी तेरे द्वार..... तीजे पहर मइया देवी जैसी लागे मंदिर में बिठा दो कितनी प्यारी-प्यारी लागे देखो माँ का दरबार हुआ कैसा चमत्कार दर्शन करने को आयी मैं आयी तेरे द्वार.....

मेरी अम्बे मेरी ज्वाला मेरा उद्धार करो माँ

मेरी अम्बे मेरी ज्वाला मेरा उद्धार करो माँ हमको दर्शन देने का जरा उपकार करो माँ मेरा दिल बेचैन है माँ दरश के लिए.... एक अंधा खड़ा माँ तेरे द्वार पर रो-रो के गया है वो अब हार कर उसे नैना दे दो उम्र भर के लिए मेरा दिल बेचैन है माँ दरश के लिए.... एक बालक खड़ा माँ तेरे द्वार पर रो-रो के गया है वो अब हार कर उसे विद्या दे दो उम्र भर के लिए मेरा दिल बेचैन है माँ दरश के लिए.... एक कन्या खड़ी माँ तेरे द्वार पर रो-रो के गयी है वो अब हार कर उसे घर-वर दे दो उम्र भर के लिए मेरा दिल बेचैन है माँ दरश के लिए.... एक भक्त खड़ा माँ तेरे द्वार पर रो-रो के गया है वो अब हार कर उसे दर्शन दे दो उम्र भर के लिए मेरा दिल बेचैन है माँ दरश के लिए.... Video के लिए कृपया नीचे दिए गए मेरे Youtube Channel की लिंक में क्लिक करें और Subscribe करें- https://www.youtube.com/channel/UCmXMH5vIfHTWbh2sHqmxoUw/?sub_confirmatiom=1

नन्द के लाल तुम्हे राम की दुहाई है

नन्द के लाल तुम्हे राम की दुहाई है - २ काहे की मटकी बनी, कौन ने बनाई है कौन सा लाल जिसने फोड़ के दिखाई है नन्द के लाल...... माटी की मटकी बनी कुम्हार ने बनाई है कृष्ण सा लाल जिसने फोड़ के दिखाई है नन्द के लाल...... काहे की वंशी बनी कौन ने बनाई है कौन सा लाल जिसने बजा के दिखाई है नन्द के लाल...... बांस की वंशी बनी सुतार ने बनाई है कृष्ण सा लाल जिसने बजा के दिखाई है नन्द के लाल...... काहे की नथनी बनी कौन ने बनाई है कौन सी नारी जिसने पहन के दिखाई है नन्द के लाल...... सोने की नथनी बनी सुनार ने बनाई है राधा सी नारी जिसने पहन के दिखाई है नन्द के लाल......

गौरा शिवजी की दुल्हनिया आयी भरने पनिया

गौरा शिवजी की दुल्हनिया आयी भरने पनिया - २ रूप देख के सागर बोला कौन पिता महतारी कौन कहाँ के रहने वाले किनकी हो घरवाली किनको लेने आयी पनिया हो किनकी तुम रनिया आयी भरने पनिया - २ राजा हिमांचल पिता हमारे मैनावती महतारी कैलाश के रहने वाले शम्भु की घरवाली शिव को लेने आयी पनिया हैं उनकी हम रनिया आयी भरने पनिया - २ चौदह रत्न रखे हैं घर में बैठे मौज उड़ावे वो तो पिता गांजा भंगिया आयी भरने पनिया - २ क्रोधित हो के गौरा रानी शिवजी के ढिग आयीं तुम्हरे होते हुए नाथ सागर हँसी उड़ाई मथ दो समुन्दर की मथनिया आयी भरने पनिया - २ कहे समुन्दर छोड़ दो हमको अब न हंसी उड़ाऊ  शिव ने मथन किया सागर का चौदह रत्न निकाले  खारा कर डाला पनिया आयी भरने पनिया  - २ 

झूल रहे पलना ब्रह्मा विष्णु शिवज्ञानी

झूल रहे पलना ब्रह्मा विष्णु शिवज्ञानी - २ काहे का पलना बना काहे की डोरी हाय को जो झूला झूले झुलाये महारानी। झूल रहे पलना.... सोने का पलना बना रेशम की डोरी त्रिदेव झूले झूला झुलाये महारानी। झूल रहे पलना.... उमा, रमा, ब्रह्माणी तीनो रानी हाय पतियों को लौटा दो तो होगी मेहरबानी। झूल रहे पलना.... माँग मेरी खाली, मइया माँग को सजा दो हाय नइया पार लगा दो तो होगी मेहरबानी। झूल रहे पलना....

द्रोपदी सभा में बारम्बार पुकारे

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द्रोपदी सभा में बारम्बार पुकारे आओ नाथ हमारे तुम्हे टेर रही। द्रोपदी पड़ी है दुशासन के पावड़े आओ नाथ हमारे तुम्हे टेर रही..... बैठे पाँचो पति मेरे सामने लाज जाती है इन्हीं सबके सामने द्रोपदी की आँखों से बहत पनारे आओ नाथ हमारे तुम्हे टेर रही..... दुष्ट खींचत है चीर बड़ी जोर से श्याम निकले हैं चुनरिया के छोर से द्रोपदी की लाज नाथ हाँथ तुम्हारे आओ नाथ हमारे तुम्हे टेर रही.....

छोड़ आश्रम चली तू पति घर

छोड़ आश्रम चली तू पति घर प्यारी बेटी मुझे न रुलाना - २ मैंने पाला था आँखों का तारा सूनी कुटिया में करके गुजारा मैं अभागा पिता हूँ तेरा जो की घर से विदा दे रहा हूँ बेटी ये बात मन में न लाना प्यारी बेटी मुझे न रुलाना - २ संग सखियाँ खड़ी रो रही हैं रो-रो के विदा दे रही हैं बेटी इन सब को धीरज बंधाना प्यारी बेटी मुझे न रुलाना - २ तू बनेगी महलों की रानी तुझे मिलेगा सम्राट राजा सेवा करना सास-ससुर की सेवा करके धर्म तू निभाना प्यारी बेटी मुझे न रुलाना - २

भवानी ऐसे लड़े जैसे लंका में लड़े हनुमान

भवानी ऐसे लड़े जैसे लंका में लड़े हनुमान सोने की थाली में भोजन परोसे भवानी ऐसे जेवें जैसे लंका में जेवें हनुमान भवानी ऐसे लड़े जैसे लंका में लड़े हनुमान सोने के लोटा गंगाजल पानी भवानी ऐसे पीवें जैसे लंका में पीवें हनुमान भवानी ऐसे लड़े जैसे लंका में लड़े हनुमान चंदा की चांदनी में चॉपर बिछाए  भवानी ऐसे खेलें जैसे लंका में खेलें हनुमान भवानी ऐसे लड़े जैसे लंका में लड़े हनुमान फूला निवारी के सेजा सजाये   भवानी ऐसे सोयें जैसे लंका में सोयें हनुमान भवानी ऐसे लड़े जैसे लंका में लड़े हनुमान

मंदिर में मइया लांगुर से झगड़ी

मंदिर में मइया लांगुर से झगड़ी तू क्यों नहीं लाया रे सोने की तगड़ी अरे धीरे-धीरे बोल अरे होले-होले बोल ब्रह्मा जी सुन लेंगे सरस्वती को दे देगे तेरी सोने की तगड़ी.... अरे धीरे-धीरे बोल अरे होले-होले बोल विष्णु जी सुन लेंगे लक्ष्मी को दे देगे तेरी सोने की तगड़ी.... अरे धीरे-धीरे बोल अरे होले-होले बोल शंकर जी सुन लेंगे गौरा को दे देगे तेरी सोने की तगड़ी.... मंदिर में मइया लांगुर से झगड़ी तू क्यों नहीं लाया रे सोने की तगड़ी Video के लिए कृपया नीचे दिए गए मेरे Youtube Channel की लिंक में क्लिक करें और Subscribe करें- https://www.youtube.com/channel/UCmXMH5vIfHTWbh2sHqmxoUw/?sub_confirmatiom=1

हमें छेड़ो न मोहन डगरिया में

हमें छेड़ो न मोहन डगरिया में - २ दही खाय जइयो काल दुपहरिया में।  कैसे मैं आऊं घर में तुम्हारे कैसे हैं ताले , कैसे किमारे कैसे मैं आऊं नगरिया में - २ दही खाय जइयो काल दुपहरिया में...... गांव भरे से ऊंची हवेली नीम को गुल्ला द्वारे लगो री तोता टंगो है पिंजरिया में दही खाय जइयो काल दुपहरिया में...... पुरा भरे के चले जात हारे सब के घरन में लटक रहे ताले सूनो तो मिलहे नगरिया में - २ दही खाय जइयो काल दुपहरिया में...... जो सासु पूंछे दहिया कहाँ गओ हम कह देबी बिलैया ने खाय लओ तालो लगो न किमरिया में - २ दही खाय जइयो काल दुपहरिया में...... Video के लिए कृपया नीचे दिए गए मेरे Youtube Channel की लिंक में क्लिक करें और Subscribe करें- https://www.youtube.com/channel/UCmXMH5vIfHTWbh2sHqmxoUw/?sub_confirmatiom=1

हटको यशोदा मइया अपने लाल को

हटको यशोदा मइया अपने लाल को मुझको किया बेहाल, है कितना ढीठ तेरो नन्दलाल। जब मैं गयी थी पनिया भरन को कान्हा गया था वंशी बजाने को मटकी फोड़ी बहियाँ मरोड़ी अखियाँ दिखावे पीली लाल। है कितना ढीठ तेरो नन्दलाल........ जब मैं गयी थी जमुना नहाने को कान्हा गया था गउएँ चराने को सब सखियों के चीर उठा कर चढ़े कदम की डाल है कितना ढीठ तेरो नन्दलाल........ जब मैं गयी थी पूजा करन को कान्हा गया था रास रचाने को सब सखियों के हाँथ पकड़ कर कहता कि मेरे गले में डालो जयमाल है कितना ढीठ तेरो नन्दलाल........ Video के लिए कृपया नीचे दिए गए मेरे Youtube Channel की लिंक में क्लिक करें और Subscribe करें- https://www.youtube.com/channel/UCmXMH5vIfHTWbh2sHqmxoUw/?sub_confirmatiom=1

कही मानों, न वन को चलो तुम सिया।

घर बैठो , न वन को चलो तुम सिया कही मानों , न वन को चलो तुम सिया। रखा न पैर पलंग से नीचे उतार के वन में बैठ जाओगी तुम कहीं हार के तेरे पैरों में छाले पड़ेंगे सिया पछताओगी मन में न कहना सिया। कही मानों.... खाने को फल मिलेंगे वो भी कभी-कभी खाने पड़ेंगे खट्टे-मीठे सभी-सभी नहीं जायेगा तुमसे वो पानी पिया पछताओगी मन में न कहना सिया। कही मानों.... पत्ते बिछा के भूमि में सोया न जायेगा शेरों के दर के मारे रोया न जायेगा रैन होगी अँधेरी न होगा दिया पछताओगी मन में न कहना सिया। कही मानों.... घर बैठो , न वन को चलो तुम सिया कही मानों , न वन को चलो तुम सिया। Video के लिए कृपया नीचे दिए गए मेरे Youtube Channel की लिंक में क्लिक करें और Subscribe करें- https://www.youtube.com/channel/UCmXMH5vIfHTWbh2sHqmxoUw/?sub_confirmatiom=1

मइया आये तेरे द्वार, भिक्षा माँगे हाथ पसार

मइया आये तेरे द्वार, भिक्षा माँगे हाथ पसार ब्रह्मा विष्णु शिवशंकर खड़े हैं द्वार पर भूख लगी है मइया भोजन करा दो नहीं तो साफ़  करो इनकार देखें दूसरे का द्वार ब्रह्मा विष्णु शिवशंकर खड़े हैं द्वार पर प्यास लगी है मइया पानी पिला दो नहीं तो साफ़  करो इनकार देखें दूसरे का द्वार ब्रह्मा विष्णु शिवशंकर खड़े हैं द्वार पर नींद लगी है मइया सेज सजा दो नहीं तो साफ़  करो इनकार देखें दूसरे का द्वार ब्रह्मा विष्णु शिवशंकर खड़े हैं द्वार पर Video के लिए कृपया नीचे दिए गए मेरे Youtube Channel की लिंक में क्लिक करें और Subscribe करें- https://www.youtube.com/channel/UCmXMH5vIfHTWbh2sHqmxoUw/?sub_confirmatiom=1

द्वारे तिहारे बड़ी भीड़ हो जगदम्बे-अम्बे

द्वारे तिहारे बड़ी भीड़ हो जगदम्बे-अम्बे मैया द्वारे तेरे कन्या पुकारे कन्या को योग्य वर देव मेरी जगदम्बे अम्बे द्वारे तिहारे बड़ी भीड़ हो जगदम्बे-अम्बे मैया द्वारे तेरे बांझन पुकारे बांझन की गोद भर देव मेरी जगदम्बे अम्बे द्वारे तिहारे बड़ी भीड़ हो जगदम्बे-अम्बे मैया द्वारे तेरे निर्धन पुकारे निर्धन के भंडार भर देव मेरी जगदम्बे अम्बे द्वारे तिहारे बड़ी भीड़ हो जगदम्बे-अम्बे मैया द्वारे तेरे भक्त पुकारे भक्तों को दर्शन देव मेरी जगदम्बे अम्बे द्वारे तिहारे बड़ी भीड़ हो जगदम्बे-अम्बे Video के लिए कृपया नीचे दिए गए मेरे Youtube Channel की लिंक में क्लिक करें और Subscribe करें- https://www.youtube.com/channel/UCmXMH5vIfHTWbh2sHqmxoUw/?sub_confirmatiom=1

मैं बुलाऊँ तो कैसे बुलाऊँ

मैं बुलाऊँ तो कैसे बुलाऊँ तुम बुलाने के काबिल नहीं हो तुम तो करते हो मोहन शरारत प्यार करने के काबिल नहीं हो। तुमने फोड़ी थी एक रोज मटकी बस यही बात दिल में अटकी ऐसे छलिये से... हाँ ... ऐसे छलिये से मैं क्या मैं डरती।  प्यार करने के काबिल नहीं हो। तुमने फाड़ी थी एक रोज साड़ी उसमे रह गई  न एकउ किनारी ऐसे छलिये से... हाँ ... ऐसे छलिये से मैं क्या मैं डरती।  प्यार करने के काबिल नहीं हो। तुमने गोकुल में दहिया चुराया वृन्दावन में रहस्य को रचाया ऐसे छलिये से... हाँ ... ऐसे छलिये से मैं क्या मैं डरती।  प्यार करने के काबिल नहीं हो। Video के लिए कृपया नीचे दिए गए मेरे Youtube Channel की लिंक में क्लिक करें और Subscribe करें- https://www.youtube.com/channel/UCmXMH5vIfHTWbh2sHqmxoUw/?sub_confirmatiom=1

सीता बालू के बने भोलेनाथ

सीता बालू के बने भोलेनाथ ढार आई गंगा जल से। पहला वचन जब सीता ने माँगा दीये-दीये  है कौशल्या जैसी सास ससुर राजा दशरथ से। सीता बालू के बने भोलेनाथ .... दूजा वचन जब सीता ने माँगा दीये-दीये  है  शिवशंकर जैसे जेठ जेठानी माता पार्वती। सीता बालू के बने भोलेनाथ .... तीजा वचन जब सीता ने माँगा दीये-दीये  है सुभद्रा जैसी ननद नन्दोई राजा अर्जुन से।  सीता बालू के बने भोलेनाथ .... चौथा वचन जब सीता ने माँगा दीये-दीये  है पति भगवान देवर भैया लक्ष्मण से। सीता बालू के बने भोलेनाथ .... Video के लिए कृपया नीचे दिए गए मेरे Youtube Channel की लिंक में क्लिक करें और Subscribe करें- https://www.youtube.com/channel/UCmXMH5vIfHTWbh2sHqmxoUw/?sub_confirmatiom=1

चरण कमलों की रज चाहिये

चरण कमलों की रज चाहिये न चाहिये नाथ उतराई। कठौता जल से भर लाया प्रभु के पैर धोने को कछु धोया - कछु पीया कछु परिवार में बाँटा।  न चाहिये नाथ उतराई .... अहिल्या नारी गौतम की शिला-पत्थर की कर डाली प्रभु के रज-पद पाते ही शिला से नारी हुई ठाड़ी।  न चाहिये नाथ उतराई .... बीच गंगा में जाकर के इशारा राम ने कीन्हा सीये के मन में जानी है अँगूठी राम को दीन्ही। यही है नाथ उतराई - २ चरण कमलों की रज चाहिये न चाहिये नाथ उतराई। Video के लिए कृपया नीचे दिए गए मेरे Youtube Channel की लिंक में क्लिक करें और Subscribe करें- https://www.youtube.com/channel/UCmXMH5vIfHTWbh2sHqmxoUw/?sub_confirmatiom=1

शिव-प्रार्थना

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बम भोले घट-घट वासी दर्श दिखा दो कैलाशी। दीनानाथ कहाते हो दीनों को अपनाते हो महादेव गिरिजा वासी दर्श दिखा दो कैलाशी। मन की चिंता आप हरो तन की बाधा दूर करो भूल ना जाना अविनाशी दर्श दिखा दो कैलाशी। Video के लिए कृपया नीचे दिए गए मेरे Youtube Channel की लिंक में क्लिक करें और Subscribe करें- https://www.youtube.com/channel/UCmXMH5vIfHTWbh2sHqmxoUw/?sub_confirmatiom=1

आपको पुकारें हम बार-बार माँ

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आपको पुकारें हम बार-बार माँ शीघ्र चली आना होके सिंह पे सवार माँ लाल चुनरिया मइया लाल-लाल चोला लाल फूलों के सोहे गले में हार माँ।  शीघ्र चली आना .... भवँर बीच है नइया हमारी कर दो दया अब मइया हमारी तेरा सहारा हमको - २ तेरा ही आधार माँ।  शीघ्र चली आना ....  Video के लिए कृपया नीचे दिए गए मेरे Youtube Channel की लिंक में क्लिक करें और Subscribe करें- https://www.youtube.com/channel/UCmXMH5vIfHTWbh2sHqmxoUw/?sub_confirmatiom=1

हे सिंहवाहिनी जगदम्बे

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हे सिंहवाहिनी जगदम्बे , तेरा ही एक सहारा है। मेरी विपदाएं दूर करो और कृपा दृष्टि इस ओर करो संकट के बीच घिरे हैं माँ आशा से तुम्हें पुकारा है।  हे सिंहवाहिनी जगदम्बे ... कुमकुम अक्षत और पुष्पों से नैवैद्य धूप और अर्चन से नित तुम्हें रिझाया करते हैं क्यों अब तक नहीं उबारा है।  हे सिंहवाहिनी जगदम्बे ... भव बाधायें हरने वाली जन-जन की बाधा हरती हो मेरी भी बाधाएँ  हरना जगजननी काम तुम्हारा है।  हे सिंहवाहिनी जगदम्बे ... कौमारी सरस्वती तुम हो वैषणवी तुम्हीं ब्रह्माणी हो कर शंख चक्र और पदम् लिए लक्ष्मी भी रूप तुम्हारा है।  हे सिंहवाहिनी जगदम्बे ... जब-जब मानव पर कष्ट पड़ा तब-तब तुमने औतार लिया हे कल्याणी हे ब्रह्माणी इन्द्राणी रूप तुम्हारा है।  हे सिंहवाहिनी जगदम्बे ... था शुम्भ निशुम्भ असुर मारा और रक्तबीज का रक्त पिया हे सिद्धवदी हे गौरी माँ काली भी रूप तुम्हारा है।  हे सिंहवाहिनी जगदम्बे ... दुर्लोचन को तुमने मारा महिषासुर तुमने संहारा हे सिंहवाहिनी अष्टभुजी नवदुर्गे रूप तुम्हारा है।  हे सिंहवाहिनी जगदम्बे ... जब वैश्य सुरभ ने तप करके अपना तन तुम्हें चढ़ाय

गाइये गणपति जगवंदन

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गाइये गणपति जगवंदन शंकर सुमन भवानी के नंदन। सिद्ध सदन गजवदन विनायक कृपासिंधु सुन्दर सब लायक।  गाइये गणपति जगवंदन मोदक प्रिय मुद मंगल दाता विद्या वरिष्ठ बुद्धि विधाता।  गाइये गणपति जगवंदन माँगत तुलसीदास कर जोरे बसहु हृदय सिय मानस मोरे।  गाइये गणपति जगवंदन Video के लिए कृपया नीचे दिए गए मेरे Youtube Channel की लिंक में क्लिक करें और Subscribe करें- https://www.youtube.com/channel/UCmXMH5vIfHTWbh2sHqmxoUw/?sub_confirmatiom=1

गणपति प्रार्थना

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गणपति गौरा के लाल सभा में मेरी लाज रखना। छोटा सा मस्तक तुम्हारा गजानन तिलक लगाऊं महाराज। .. सभा में मेरी लाज रखना। उदर तुम्हारा बड़ा है गजानन मोदक खिलाऊं महाराज।  सभा में मेरी लाज रखना। कान तुम्हारे बड़े हैं गजानन कुण्डल पहनाऊं महाराज।  सभा में मेरी लाज रखना। पैर तुम्हारे हैं छोटे गजानन नूपुर पहनाऊं महाराज।  सभा में मेरी लाज रखना। Video के लिए कृपया नीचे दिए गए मेरे Youtube Channel की लिंक में क्लिक करें और Subscribe करें- https://www.youtube.com/channel/UCmXMH5vIfHTWbh2sHqmxoUw/?sub_confirmatiom=1