अम्बे मइया का पहाड़, लांग सीढ़िया हजार

अम्बे मइया का पहाड़, लांग सीढ़िया हजार
दर्शन करने को आयी मैं आयी तेरे द्वार

पहले पहर मइया कन्या जैसी लागे
गोदी में उठा लो कितनी प्यारी-प्यारी लागे
देखो माँ का दरबार हुआ कैसा चमत्कार
दर्शन करने को आयी मैं आयी तेरे द्वार.....

दूजे पहर मइया दुल्हन जैसी लागे
डोली में बिठा दो कितनी प्यारी-प्यारी लागे
देखो माँ का दरबार हुआ कैसा चमत्कार
दर्शन करने को आयी मैं आयी तेरे द्वार.....

तीजे पहर मइया देवी जैसी लागे
मंदिर में बिठा दो कितनी प्यारी-प्यारी लागे
देखो माँ का दरबार हुआ कैसा चमत्कार
दर्शन करने को आयी मैं आयी तेरे द्वार.....

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