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चांदी का त्रिशूल कमण्डल सोने का

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चांदी का त्रिशूल कमण्डल सोने का रूप सुहाना जाय शंकर भोले का मैं जब-जब तुझको देखू तेरी जटा में गंगा सोहे मैं पूजा करुँ तुम्हारी - हो - तुम्हारी जाऊं मैं बलिहारी कमण्डल सोने का रूप सुहाना जाय शंकर भोले का मैं जब-जब तुझको देखू तेरे माथे में चंदा सोहे मैं पूजा करुँ तुम्हारी - हो - तुम्हारी जाऊं मैं बलिहारी कमण्डल सोने का रूप सुहाना जाय शंकर भोले का मैं जब-जब तुझको देखू तेरे गले में सर्प की माला मैं पूजा करुँ तुम्हारी - हो - तुम्हारी जाऊं मैं बलिहारी कमण्डल सोने का रूप सुहाना जाय शंकर भोले का मैं जब-जब तुझको देखू तेरे तन में भस्म रमी है मैं पूजा करुँ तुम्हारी - हो - तुम्हारी जाऊं मैं बलिहारी कमण्डल सोने का रूप सुहाना जाय शंकर भोले का मैं जब-जब तुझको देखू तेरे साथ में गौरा प्यारी मैं पूजा करुँ तुम्हारी - हो - तुम्हारी जाऊं मैं बलिहारी कमण्डल सोने का रूप सुहाना जाय शंकर भोले का 

काले-काले नाग वाला काले जटों वाला है

काले-काले नाग वाला काले जटों वाला है भूत-प्रेत संग लिए दूल्हा बना आता है नारद के वचनों से आय गयी वर मइया मैं तो गयी डर...... देखो जैसा दूल्हा है वैसे ही बाराती हैं कोई बिन पैरा - बिन पैरों के संगाती हैं काले नाग लपेटे देखो वो ही विषधर मइया मैं तो गयी डर...... दूल्हा देख मैना मारी है गुहारी शादी नहीं करूँ चाहे रहे गौरा कुंवारी उमा की किस्मत में लिखा यही वर मइया मैं तो गयी डर......

गौरा शिवजी की दुल्हनिया आयी भरने पनिया

गौरा शिवजी की दुल्हनिया आयी भरने पनिया - २ रूप देख के सागर बोला कौन पिता महतारी कौन कहाँ के रहने वाले किनकी हो घरवाली किनको लेने आयी पनिया हो किनकी तुम रनिया आयी भरने पनिया - २ राजा हिमांचल पिता हमारे मैनावती महतारी कैलाश के रहने वाले शम्भु की घरवाली शिव को लेने आयी पनिया हैं उनकी हम रनिया आयी भरने पनिया - २ चौदह रत्न रखे हैं घर में बैठे मौज उड़ावे वो तो पिता गांजा भंगिया आयी भरने पनिया - २ क्रोधित हो के गौरा रानी शिवजी के ढिग आयीं तुम्हरे होते हुए नाथ सागर हँसी उड़ाई मथ दो समुन्दर की मथनिया आयी भरने पनिया - २ कहे समुन्दर छोड़ दो हमको अब न हंसी उड़ाऊ  शिव ने मथन किया सागर का चौदह रत्न निकाले  खारा कर डाला पनिया आयी भरने पनिया  - २ 

झूल रहे पलना ब्रह्मा विष्णु शिवज्ञानी

झूल रहे पलना ब्रह्मा विष्णु शिवज्ञानी - २ काहे का पलना बना काहे की डोरी हाय को जो झूला झूले झुलाये महारानी। झूल रहे पलना.... सोने का पलना बना रेशम की डोरी त्रिदेव झूले झूला झुलाये महारानी। झूल रहे पलना.... उमा, रमा, ब्रह्माणी तीनो रानी हाय पतियों को लौटा दो तो होगी मेहरबानी। झूल रहे पलना.... माँग मेरी खाली, मइया माँग को सजा दो हाय नइया पार लगा दो तो होगी मेहरबानी। झूल रहे पलना....

मइया आये तेरे द्वार, भिक्षा माँगे हाथ पसार

मइया आये तेरे द्वार, भिक्षा माँगे हाथ पसार ब्रह्मा विष्णु शिवशंकर खड़े हैं द्वार पर भूख लगी है मइया भोजन करा दो नहीं तो साफ़  करो इनकार देखें दूसरे का द्वार ब्रह्मा विष्णु शिवशंकर खड़े हैं द्वार पर प्यास लगी है मइया पानी पिला दो नहीं तो साफ़  करो इनकार देखें दूसरे का द्वार ब्रह्मा विष्णु शिवशंकर खड़े हैं द्वार पर नींद लगी है मइया सेज सजा दो नहीं तो साफ़  करो इनकार देखें दूसरे का द्वार ब्रह्मा विष्णु शिवशंकर खड़े हैं द्वार पर Video के लिए कृपया नीचे दिए गए मेरे Youtube Channel की लिंक में क्लिक करें और Subscribe करें- https://www.youtube.com/channel/UCmXMH5vIfHTWbh2sHqmxoUw/?sub_confirmatiom=1

सीता बालू के बने भोलेनाथ

सीता बालू के बने भोलेनाथ ढार आई गंगा जल से। पहला वचन जब सीता ने माँगा दीये-दीये  है कौशल्या जैसी सास ससुर राजा दशरथ से। सीता बालू के बने भोलेनाथ .... दूजा वचन जब सीता ने माँगा दीये-दीये  है  शिवशंकर जैसे जेठ जेठानी माता पार्वती। सीता बालू के बने भोलेनाथ .... तीजा वचन जब सीता ने माँगा दीये-दीये  है सुभद्रा जैसी ननद नन्दोई राजा अर्जुन से।  सीता बालू के बने भोलेनाथ .... चौथा वचन जब सीता ने माँगा दीये-दीये  है पति भगवान देवर भैया लक्ष्मण से। सीता बालू के बने भोलेनाथ .... Video के लिए कृपया नीचे दिए गए मेरे Youtube Channel की लिंक में क्लिक करें और Subscribe करें- https://www.youtube.com/channel/UCmXMH5vIfHTWbh2sHqmxoUw/?sub_confirmatiom=1

शिव-प्रार्थना

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बम भोले घट-घट वासी दर्श दिखा दो कैलाशी। दीनानाथ कहाते हो दीनों को अपनाते हो महादेव गिरिजा वासी दर्श दिखा दो कैलाशी। मन की चिंता आप हरो तन की बाधा दूर करो भूल ना जाना अविनाशी दर्श दिखा दो कैलाशी। Video के लिए कृपया नीचे दिए गए मेरे Youtube Channel की लिंक में क्लिक करें और Subscribe करें- https://www.youtube.com/channel/UCmXMH5vIfHTWbh2sHqmxoUw/?sub_confirmatiom=1