Posts

Showing posts from September, 2019

जय अम्बे गौरी, मइया जय श्यामा गौरी

Image
जय अम्बे गौरी, मइया जय श्यामा गौरी। तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिव जी।। माँग सिन्दूर विराजत, टीको मृगमद को। उज्जवल से दोउ नैना, चन्द्रवदन नीको।।  जय अम्बे ..... कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजे। रक्त पुष्प गल माला, कण्ठन पर साजे।।  जय अम्बे ..... केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी। सुर-नर-मुनि-जन सेवत, तिनके दुखहारी।।  जय अम्बे ..... कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती। कोटिक चंद्र दिवाकर, सम राजत ज्योती।।  जय अम्बे ..... शुम्भ निशुम्भ विदारे, महिषासुर-घाती। धूम्रविलोचन नैना, निशदिन मदमाती।।  जय अम्बे ..... चण्ड मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे। मधु कैटभ दोउ मारे , सुर भयहीन करे।।  जय अम्बे ..... ब्रह्माणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी। आगम-निगम-बखानी, तुम शिव पटरानी।।  जय अम्बे ..... चौंसठ योगिनि गावत, नृत्य करत भैरूँ। बाजत ताल मृदंगा, औ बाजत डमरू।।  जय अम्बे ..... तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता। भक्तन की दुःख हरता , सुख सम्पति करता।।  जय अम्बे ..... भुजा चार अति शोभित, वर-मुद्रा धारी। मनवांछित फल पावत, सेवत नर-नारी।।  जय अम्बे ..... कंचन थाल विराजत, अगर कपुर

अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली

Image
अम्बे तू है जगदम्बे काली जय दुर्गे खप्पर वाली तेरे ही गुण गायें भारती ओ मइया हम सब उतारे तेरी आरती तेरे भक्तजनों पर मइया भीड़ पड़ी है भारी दानव दल पर टूट पड़ो माँ करके सिंहसवारी सौ-सौ सिंहों से तू बलशाली अष्ट भुजाओं वाली दुष्टों को तू ही लरकारती ओ मइया हम सब उतारे तेरी आरती नहीं मांगते धन और दौलत न चांदी और सोना हम तो मांगे माँ तेरे मन में एक छोटा कोना सबकी बिगड़ी बनाने वाली कष्ट मिटाने वाली दुखियों को दुःख से निवारती ओ मइया हम सब उतारे तेरी आरती माँ बेटे का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता पूत कपूत सुने हैं पर न माता सुनी कुमाता सब पर करुणा दर्शाने वाली अमृत बरसाने वाली सतियों के सत को सवांरती ओ मइया हम सब उतारे तेरी आरती चरण शरण में खड़े तुम्हारे ले पूजा की थाली वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली माँ भरदो भक्ति रस प्याली अष्ट भुजाओं वाली भक्तों के कारज तू ही सवांरती ओ मइया हम सब उतारे तेरी आरती घड़ा पाप का भर गया माँ पहला अत्याचार आत्मा से आज माँ धरती करे पुकार बैल चढ़े शिवशंकर आये गरुण चढ़े भगवान सिंह सवारी मइया आयीं हो रही जय-जयकार ओ मइया हम सब उतारे त