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Showing posts with the label bhakti song

दशा मुझ दीन की भगवन संभालोगे तो क्या होगा

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दशा मुझ दीन की भगवन संभालोगे तो क्या होगा अगर चरणों की सेवा लगा लोगे तो क्या होगा मैं नामी पातकी हूँ और नामी पापहर्ता तुम ये लज्जा दोनों नामों की बचा लोगे तो क्या होगा अगर चरणों की सेवा लगा लोगे तो क्या होगा यहाँ सब लोग कहते हैं तू मेरा है तू मेरा है मैं किसका हूँ यह झगड़ा  तुम मिटा दोगे तो क्या होगा अगर चरणों की सेवा लगा लोगे तो क्या होगा अजामिल, गिद्ध, गणिका जिस दया गंगा से तैरते हैं उसी में बिंदु सा पापी मिला लोगे तो क्या होगा अगर चरणों की सेवा लगा लोगे तो क्या होगा

चांदी का त्रिशूल कमण्डल सोने का

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चांदी का त्रिशूल कमण्डल सोने का रूप सुहाना जाय शंकर भोले का मैं जब-जब तुझको देखू तेरी जटा में गंगा सोहे मैं पूजा करुँ तुम्हारी - हो - तुम्हारी जाऊं मैं बलिहारी कमण्डल सोने का रूप सुहाना जाय शंकर भोले का मैं जब-जब तुझको देखू तेरे माथे में चंदा सोहे मैं पूजा करुँ तुम्हारी - हो - तुम्हारी जाऊं मैं बलिहारी कमण्डल सोने का रूप सुहाना जाय शंकर भोले का मैं जब-जब तुझको देखू तेरे गले में सर्प की माला मैं पूजा करुँ तुम्हारी - हो - तुम्हारी जाऊं मैं बलिहारी कमण्डल सोने का रूप सुहाना जाय शंकर भोले का मैं जब-जब तुझको देखू तेरे तन में भस्म रमी है मैं पूजा करुँ तुम्हारी - हो - तुम्हारी जाऊं मैं बलिहारी कमण्डल सोने का रूप सुहाना जाय शंकर भोले का मैं जब-जब तुझको देखू तेरे साथ में गौरा प्यारी मैं पूजा करुँ तुम्हारी - हो - तुम्हारी जाऊं मैं बलिहारी कमण्डल सोने का रूप सुहाना जाय शंकर भोले का 

मेरे मालिक मुझे तूने सब कुछ दिया है, तेरा शुक्रिया है तेरा शुक्रिया है

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मेरे मालिक मुझे तूने सब कुछ दिया है तेरा शुक्रिया है तेरा शुक्रिया है न मिलती अगर दी हुई दात तेरी तो क्या थी ज़माने में औकात मेरी ये बन्दा तो तेरे सहारे जिया है तेरा शुक्रिया है तेरा शुक्रिया है तेरी बन्दगी से मैं बन्दा हूँ मालिक तेरे ही करम से मैं जिन्दा हूँ मालिक तुम्हीं ने तो जीने के क़ाबिल किया है तेरा शुक्रिया है तेरा शुक्रिया है मेरा ही नहीं तू सभी का है दाता सभी को सभी कुछ है देता दिलाता जो खाली था दामन तूने भर दिया है तेरा शुक्रिया है तेरा शुक्रिया है ये जायदाद दी है ये औलाद दी है मुसीबत के हर वक्त इमदाद दी है तेरा ही दिया मैंने खाया-पिया है तेरा शुक्रिया है तेरा शुक्रिया है करुणामय ने करुणा करी इतनी मुझमें यकीन ही नहीं आज होता है खुद में कि तूफ़ान में भी जलाया दिया है तेरा शुक्रिया है तेरा शुक्रिया है || जय माता दी ||

हे कन्हैया बेवफ़ा तूने कदर जानी नहीं

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हे कन्हैया बेवफ़ा तूने कदर जानी नहीं मैं तेरी दीवानी जनम से आज भी तेरी दीवानी हूँ .... एक तो मेरे दिल में आये श्याम से जाकर मिलूँ बिन पैर बिन पंख के मुझसे उड़ा जाता नहीं मैं तेरी दीवानी जनम से आज भी तेरी दीवानी हूँ .... एक तो मेरे दिल में आये श्याम को खत ही लिखूं बिन कलम, स्याही, दवायत मुझसे लिखा जाता नहीं मैं तेरी दीवानी जनम से आज भी तेरी दीवानी हूँ .... एक तो मेरे दिल में आये श्याम से जाकर लड़ूँ बिन खता बिन बात के मुझसे लड़ा जाता नहीं मैं तेरी दीवानी जनम से आज भी तेरी दीवानी हूँ ....

कौन दिशा में माँ का बना है मन्दिर

कौन दिशा में माँ का बना है मन्दिर - २ माथे मैया के बेंदी सोहे - २ हो-हो-हो बेंदी की झलक - २ जरा देखन दे - जरा देखन दे कानों मैया के कुण्डल सोहे - २ हो-हो-हो कुण्डल की झलक - २ जरा देखन दे - जरा देखन दे हाथों मैया के कंगन सोहे - २ हो-हो-हो कंगन की झलक - २ जरा देखन दे - जरा देखन दे पैरों मैया के पायल सोहे - २ हो-हो-हो पायल की झलक - २ जरा देखन दे - जरा देखन दे 

काली लट लटकाये काली तू कहाई है, शेरों पे सवार शेरों वाली कहाई है

काली लट लटकाये काली तू कहाई है शेरों पे सवार शेरों वाली कहाई है भक्तों की लाज बचाये रे मेरी माँ भवानी मइया के द्वारे एक अन्धा पुकारे अन्धा पुकारे कुछ सोचे विचारे अन्धे को नैना दिलाये रे मेरी माँ भवानी भक्तों की लाज बचाये रे मेरी माँ भवानी मइया के द्वारे एक बालक पुकारे बालक पुकारे कुछ सोचे विचारे बालक को विद्या दिलाये रे मेरी माँ भवानी भक्तों की लाज बचाये रे मेरी माँ भवानी मइया के द्वारे एक कन्या पुकारे कन्या पुकारे कुछ सोचे विचारे कन्या को घर-वर दिलाये रे मेरी माँ भवानी भक्तों की लाज बचाये रे मेरी माँ भवानी मइया के द्वारे तेरे भक्त पुकारे भक्त पुकारे कुछ सोचे विचारे भक्तों को दर्शन दिलाये रे मेरी माँ भवानी भक्तों की लाज बचाये रे मेरी माँ भवानी

जन्मे हैं आज मथुरा जल का आधार बनके

जन्मे हैं आज मथुरा जल का आधार बनके गोकुल को जा रहे हैं यशोदा का प्यार बनके..... वशुदेव देवकी पर विपदा घड़ी थी हाथों में हथकड़ी थी, पग बेड़िया पड़ी थी काली घटा से बरसे, रिम-झिम फुहार बनके गोकुल को जा रहे हैं यशोदा का प्यार बनके.....  पल में प्रलय सी करके, शिशु का स्वरुप धरके माता-पिता को अपने बंधन से मुक्त करके कंश के लिए तुम कोठित कुठार बनके गोकुल को जा रहे हैं यशोदा का प्यार बनके..... 

ज्ञान हुआ प्रह्लाद भक्त को , राज-पाठ तज डाले

ज्ञान हुआ प्रह्लाद भक्त को राज-पाठ तज डाले, हाय राम हमारे .... जब राजा ने गुरु बुलवाये पढ़न हेतु प्रह्लाद पठाये पंडित बोले मुनि विज्ञानी राम-राम रट डाले, हाय राम हमारे .... जब राजा ने बहन बुलवाई  जलन हेतु प्रह्लाद पठाये जलती अग्नि में जली होलिका प्रह्लाद जलन नहीं पाये, हाय राम हमारे ....

प्रह्लाद कहे सुन ले मइया, मैं राम नाम नहीं भूलूंगा

प्रह्लाद कहे सुन ले मइया मैं राम नाम नहीं भूलूंगा ... जब मेरे पिता ने मेरे को, ऊँचे पर्वत से फेंका था भगवन की ऐसी महिमा थी, फूलों की सेज सजाई थी प्रह्लाद कहे सुन ले मइया, मैं राम नाम नहीं भूलूंगा ... जब मेरे पिता ने मेरे को, बहती जलधार में छोड़ा था भगवन की ऐसी महिमा थी, कागज की नाव बनाई थी प्रह्लाद कहे सुन ले मइया, मैं राम नाम नहीं भूलूंगा ... जब मेरे पिता ने मेरे को, जलते खम्भे से बाँधा था भगवन की ऐसी महिमा थी, नरसिंह अवतार बनाया था प्रह्लाद कहे सुन ले मइया, मैं राम नाम नहीं भूलूंगा ... 

मइया के मंदिर मैं आ गई घरवालों की चोरी से

मइया के मंदिर मैं आ गई घरवालों की चोरी से दरवाजे तो बंद पड़े थे निकल के आयी मोरी से बेंदी तो मेरे घरे रखी थी टीका लाई चोरी से अपनी माँ को खूब सजाया जय-जय जय-जय हो री से कुण्डल तो मेरे घरे रखे थे नथनी लाई चोरी से अपनी माँ को खूब सजाया जय-जय जय-जय हो री से कंगन तो मेरे घरे रखे थे चूड़ी लाई चोरी से अपनी माँ को खूब सजाया जय-जय जय-जय हो री से साड़ी तो मेरे घरे रखी थी लहंगा लाई चोरी से अपनी माँ को खूब सजाया जय-जय जय-जय हो री से पायल तो मेरे घरे रखी थी बिछिया लाई चोरी से अपनी माँ को खूब सजाया जय-जय जय-जय हो री से 

लक्ष्मी के पति देव स्वामी , क्षीरसागर में सोते मिलेंगे

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लक्ष्मी के पति देव स्वामी क्षीरसागर में सोते मिलेंगे - २ कोई तालों में जाकर के देखे वो तो कपड़े धुलाते मिलेंगे - २ क्षीरसागर में सोते मिलेंगे....  कोई कुओं में जाकर के देखे वो तो कलशे भराते मिलेंगे - २ क्षीरसागर में सोते मिलेंगे....  कोई बागों में जाकर के देखे वो तो गजला गुहाते मिलेंगे - २ क्षीरसागर में सोते मिलेंगे....  कोई महलों में जाकर के देखे वो तो सेजा सजाते मिलेंगे - २ क्षीरसागर में सोते मिलेंगे.... कोई मंदिर में जाकर के देखे वो तो दर्शन दिलाते मिलेंगे - २ क्षीरसागर में सोते मिलेंगे....  

सीता माता के हम लाल, लवकुश है नाम हमारा

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सीता माता के हम लाल लवकुश है नाम हमारा.... हम बाल्मीकि के पाले जंगल के रहने वाले हमको पिता की नहीं है याद लवकुश है नाम हमारा.... हम लड़ने से नहीं डरते हम मरने से नहीं डरते चाहे आगे आ जाय काल लवकुश है नाम हमारा.... 

हे प्रिये मम घड़े को उठा दो, मम उठाने के काबिल नहीं है

हे प्रिये मम घड़े को उठा दो मम उठाने के काबिल नहीं है नहीं है, मम उठाने के काबिल नहीं है सात दिन से अन्न नहीं खाया पानी पी-पी के जीवन बिताया मम उठाने के काबिल नहीं है नहीं है, मम उठाने के काबिल नहीं है मैं हूँ ब्रह्मा शिवजी की नौकरानी आप भरते हो भंगी का पानी सत डिगाने के काबिल नहीं है नहीं है, मम उठाने के काबिल नहीं है.... मरा लाल रोहित जो तारा जाके पनघट में लूँगी सहारा चीर साड़ी का साड़ी से फाड़ा सत डिगाने के काबिल नहीं है नहीं है, मम उठाने के काबिल नहीं है....

मइया नीमा लाछारे ले रहीं हो माँ

मइया नीमा लाछारे ले रहीं हो माँ मइया लै खप्पर आगे भई हो माँ मइया के खप्पर भरत हुंकारी देत ललकारी, देवी के दल भारी हो मइया नीमा लाछारे ले रहीं हो माँ मइया लै नरियल आगे भई हो माँ मइया के नरियल भरत हुंकारी देत ललकारी, देवी के दल भारी हो मइया नीमा लाछारे ले रहीं हो माँ मइया लै नीबू आगे भई हो माँ मइया के नीबू भरत हुंकारी देत ललकारी, देवी के दल भारी हो मइया नीमा लाछारे ले रहीं हो माँ मइया लै हूमा आगे भई हो माँ मइया के हूमा भरत हुंकारी देत ललकारी, देवी के दल भारी हो मइया नीमा लाछारे ले रहीं हो माँ

पीले सिंहों पे सवार मइया ओढ़े चुनरी

पीले सिंहों पे सवार मइया ओढ़े चुनरी ओढ़े चुनरी ओ मइया ओढ़े चुनरी .... वैष्णो देवी जाकर देखा बड़ी जोर का मेला मंदिर अंदर जाकर देखा चढ़े नारियल गोला उनका रूप है सलोना मइया ओढ़े चुनरी .... शारदा माई जाकर देखा बड़ी जोर का मेला मंदिर अंदर जाकर देखा चढ़े नारियल गोला उनका रूप है सलोना मइया ओढ़े चुनरी .... काली माई जाकर देखा बड़ी जोर का मेला मंदिर अंदर जाकर देखा चढ़े नारियल गोला उनका रूप है सलोना मइया ओढ़े चुनरी .... पूर्णागिरी जाकर देखा बड़ी जोर का मेला मंदिर अंदर जाकर देखा चढ़े नारियल गोला उनका रूप है सलोना मइया ओढ़े चुनरी ....

भगवान तुम्हें मैं खत लिखती, पर पता मुझे मालूम नहीं

भगवान तुम्हें मैं खत लिखती, पर पता मुझे मालूम नहीं तालों में देखा एक बार धोबी से पूंछा बार-बार पत्थर में छिपे हैं मनमोहन पर पता मुझे मालूम नहीं ..... कुओं में देखा एक बार कहरा से पूंछा बार-बार कलशों में छिपे हैं मनमोहन पर पता मुझे मालूम नहीं ..... बागों में देखा एक बार माली से पूंछा बार-बार फूलों में छिपे हैं मनमोहन पर पता मुझे मालूम नहीं ..... महलों में देखा एक बार राजा से पूंछा बार-बार खिड़की में छिपे हैं मनमोहन पर पता मुझे मालूम नहीं ..... मंदिर में देखा एक बार भक्तों से पूंछा बार-बार ह्रदय में छिपे हैं मनमोहन पर पता मुझे मालूम नहीं .....

तुम्हारे दरश को मइया सब दल उमहे, मढ़िया के खोलो किमार हो माँ

तुम्हारे दरश को मइया सब दल उमहे मढ़िया के खोलो किमार हो माँ, मइया मढ़िया के खोलो किमार हो माँ कै दल उमहे मइया ब्राह्मण बनिया, कै दल उमहे कलार हो माँ, मइया ...... दस दल उमहे मइया ब्राह्मण बनिया, नौ दल उमहे कलार हो माँ, मइया ...... काहा चढ़ावे मइया ब्राह्मण बनिया, काहा चढ़ावे कलार हो माँ, मइया ...... ध्वजा नारियल मइया ब्राह्मण बनिया, मद की धार कलार हो माँ, मइया ...... काहा माँगे मइया ब्राह्मण बनिया, काहा माँगे कलार हो माँ, मइया ...... धन-दौलत माँगे मइया ब्राह्मण बनिया, पूता माँगे कलार हो माँ, मइया ......

कब से खड़ी हूँ दुअरिया, खोल दे किवड़िया मइया खोल दे

कब से खड़ी हूँ दुअरिया खोल दे किवड़िया मइया खोल दे .... बड़ी दूर से आयी मइया मैं रोली ले आयी खोल किवड़िया अंदर आऊं अपनी माँ को चढ़ाऊँ बिखरो जाय रे सिंदुरवा खोल दे किवड़िया मइया खोल दे .... बड़ी दूर से आयी मइया मैं चुनरी ले आयी खोल किवड़िया अंदर आऊं अपनी माँ को उढ़ाऊँ  उड़ी जाय रे चुनरिया  खोल दे किवड़िया मइया खोल दे .... बड़ी दूर से आयी मइया मैं हरला ले आयी खोल किवड़िया अंदर आऊं अपनी माँ को पहनाऊँ  टूटो जाय रे हरलवा  खोल दे किवड़िया मइया खोल दे ....  बड़ी दूर से आयी मइया मैं हलवा ले आयी खोल किवड़िया अंदर आऊं अपनी माँ को खिलाऊँ   बिखरो जाय रे हलवा खोल दे किवड़िया मइया खोल दे ....

सब देवों ने फूल बरसाये, महाराज गजानन आये

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सब देवों ने फूल बरसाये, महाराज गजानन आये प्रभु कौन तुम्हारी माता है , तुम किनके लाल कहाये, महाराज गजानन आये..... प्रभु पार्वती मेरी माता है, शिवशंकर के लाल कहाये, महाराज गजानन आये..... प्रभु कौन तुम्हारी पूजा है, तुम किनके भोग लगाये, महाराज गजानन आये..... प्रभु होम-धूप मेरी पूजा है, मोदक के भोग लगाये, महाराज गजानन आये..... प्रभु कौन तुम्हारी सवारी है, तुम किनके चक्र लगाये, महाराज गजानन आये..... प्रभु मूसक मेरी तुम्हारी सवारी है, पृथ्वी के चक्र लगाये, महाराज गजानन आये..... Please 👉watch 👉subscribe 👉share 👉like & comment my YouTube channel https://youtube.com/shorts/80EC5m1ZQn4?si=d5m-W8Ru9ptSpTOy

हनुमत तुम्हारे सहारे मैंने आज, सागर में नइया छोड़ दई

हनुमत तुम्हारे सहारे मैंने आज, सागर में नइया छोड़ दई काहे की तेरी नाव बनी है, काहे की पतवार ऐजी काहे की लागी जंजीर, सागर में नइया छोड़ दई..... चन्दन की मेरी नाव बनी है, चाँदी की पतवार, ऐजी सोने की लागी जंजीर, सागर में नइया छोड़ दई..... कौन हैं उसमे बैठन वाले, कौन हैं खेवनहार ऐजी कौन लगइहैं बेड़ा पार , सागर में नइया छोड़ दई..... रामजी उसमे बैठन वाले, लक्ष्मण खेवनहार हनुमत भइया लगइहैं बेड़ा पार , सागर में नइया छोड़ दई.....