दूल्हा बन भोला आये हैं
दूल्हा बन भोला आये हैं
नए नए बाराती लाये हैं
शीश भोले के सेहरा नहीं है
वो तो गंगा लपेटे आये हैं
माथे भोले के कलगी नहीं है
वो तो चंदा छमकाये आये हैं
गले भोले के हार नहीं है
वो तो नाग लपेटे आये हैं
हाथ भोले के कंकन नहीं है
वो तो बिच्छू लपेटे आये हैं
तन में भोले के वस्त्र नहीं है
वो तो भस्म लपेटे आये हैं
संग भोले के बाजा नहीं है
वो तो डमरू बजातेआये हैं
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