हे ज्योति रूप ज्वाला माँ, तेरी ज्योति सबसे न्यारी है
हे ज्योति रूप ज्वाला माँ,
तेरी ज्योति सबसे न्यारी है।हर एक जन इसका परवाना,
हर एक जान इसका पुजारी है।।
जय माँ शेरावाली जय माँ ज्योतावाली ......
जब कुछ भी न था इस धरती पर,
तेरी ज्योति का नूर निराला था।
न सूरज, चंदा, तारे थे,
तेरी ज्योति का ही उजाला था।
कैसी होगी तेरी ज्योति,
जब सूरज एक चिंगारी है।
जय माँ शेरावाली जय माँ ज्योतावाली ......
जिस घर में ज्योति जलती है,
वह घर पावन हो जाता है।
ज्योति से ज्योति मिल जाती,
वह जग में अमर हो जाता है।
यह ज्योति जीवन देती है,
यह ज्योति पालनहारी है।
जय माँ शेरावाली जय माँ ज्योतावाली ......
धरती का सीना चीर के माँ,
पाताल लोक से आई है।
इसकी लीला का अंत नहीं,
कण-कण में यही समय है।
निर्बल को शक्ति देती है,
यह शक्ति अतुल तुम्हारी है।
जय माँ शेरावाली जय माँ ज्योतावाली ......
Jai Mata Di
ReplyDeleteJai Mata di
ReplyDeleteIs jwala bhjaa ki tarj kya hai
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