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Showing posts with the label Mata-Bhajan

मइया के मंदिर मैं आ गई घरवालों की चोरी से

मइया के मंदिर मैं आ गई घरवालों की चोरी से दरवाजे तो बंद पड़े थे निकल के आयी मोरी से बेंदी तो मेरे घरे रखी थी टीका लाई चोरी से अपनी माँ को खूब सजाया जय-जय जय-जय हो री से कुण्डल तो मेरे घरे रखे थे नथनी लाई चोरी से अपनी माँ को खूब सजाया जय-जय जय-जय हो री से कंगन तो मेरे घरे रखे थे चूड़ी लाई चोरी से अपनी माँ को खूब सजाया जय-जय जय-जय हो री से साड़ी तो मेरे घरे रखी थी लहंगा लाई चोरी से अपनी माँ को खूब सजाया जय-जय जय-जय हो री से पायल तो मेरे घरे रखी थी बिछिया लाई चोरी से अपनी माँ को खूब सजाया जय-जय जय-जय हो री से 

मइया नीमा लाछारे ले रहीं हो माँ

मइया नीमा लाछारे ले रहीं हो माँ मइया लै खप्पर आगे भई हो माँ मइया के खप्पर भरत हुंकारी देत ललकारी, देवी के दल भारी हो मइया नीमा लाछारे ले रहीं हो माँ मइया लै नरियल आगे भई हो माँ मइया के नरियल भरत हुंकारी देत ललकारी, देवी के दल भारी हो मइया नीमा लाछारे ले रहीं हो माँ मइया लै नीबू आगे भई हो माँ मइया के नीबू भरत हुंकारी देत ललकारी, देवी के दल भारी हो मइया नीमा लाछारे ले रहीं हो माँ मइया लै हूमा आगे भई हो माँ मइया के हूमा भरत हुंकारी देत ललकारी, देवी के दल भारी हो मइया नीमा लाछारे ले रहीं हो माँ

पीले सिंहों पे सवार मइया ओढ़े चुनरी

पीले सिंहों पे सवार मइया ओढ़े चुनरी ओढ़े चुनरी ओ मइया ओढ़े चुनरी .... वैष्णो देवी जाकर देखा बड़ी जोर का मेला मंदिर अंदर जाकर देखा चढ़े नारियल गोला उनका रूप है सलोना मइया ओढ़े चुनरी .... शारदा माई जाकर देखा बड़ी जोर का मेला मंदिर अंदर जाकर देखा चढ़े नारियल गोला उनका रूप है सलोना मइया ओढ़े चुनरी .... काली माई जाकर देखा बड़ी जोर का मेला मंदिर अंदर जाकर देखा चढ़े नारियल गोला उनका रूप है सलोना मइया ओढ़े चुनरी .... पूर्णागिरी जाकर देखा बड़ी जोर का मेला मंदिर अंदर जाकर देखा चढ़े नारियल गोला उनका रूप है सलोना मइया ओढ़े चुनरी ....

तुम्हारे दरश को मइया सब दल उमहे, मढ़िया के खोलो किमार हो माँ

तुम्हारे दरश को मइया सब दल उमहे मढ़िया के खोलो किमार हो माँ, मइया मढ़िया के खोलो किमार हो माँ कै दल उमहे मइया ब्राह्मण बनिया, कै दल उमहे कलार हो माँ, मइया ...... दस दल उमहे मइया ब्राह्मण बनिया, नौ दल उमहे कलार हो माँ, मइया ...... काहा चढ़ावे मइया ब्राह्मण बनिया, काहा चढ़ावे कलार हो माँ, मइया ...... ध्वजा नारियल मइया ब्राह्मण बनिया, मद की धार कलार हो माँ, मइया ...... काहा माँगे मइया ब्राह्मण बनिया, काहा माँगे कलार हो माँ, मइया ...... धन-दौलत माँगे मइया ब्राह्मण बनिया, पूता माँगे कलार हो माँ, मइया ......

कब से खड़ी हूँ दुअरिया, खोल दे किवड़िया मइया खोल दे

कब से खड़ी हूँ दुअरिया खोल दे किवड़िया मइया खोल दे .... बड़ी दूर से आयी मइया मैं रोली ले आयी खोल किवड़िया अंदर आऊं अपनी माँ को चढ़ाऊँ बिखरो जाय रे सिंदुरवा खोल दे किवड़िया मइया खोल दे .... बड़ी दूर से आयी मइया मैं चुनरी ले आयी खोल किवड़िया अंदर आऊं अपनी माँ को उढ़ाऊँ  उड़ी जाय रे चुनरिया  खोल दे किवड़िया मइया खोल दे .... बड़ी दूर से आयी मइया मैं हरला ले आयी खोल किवड़िया अंदर आऊं अपनी माँ को पहनाऊँ  टूटो जाय रे हरलवा  खोल दे किवड़िया मइया खोल दे ....  बड़ी दूर से आयी मइया मैं हलवा ले आयी खोल किवड़िया अंदर आऊं अपनी माँ को खिलाऊँ   बिखरो जाय रे हलवा खोल दे किवड़िया मइया खोल दे ....

ठुमक-ठुमक चली अइयो, हमारे अँगना अम्बे मइया

ठुमक-ठुमक चली अइयो, हमारे अँगना अम्बे मइया गलियन-गलियन  फूल बिछे हैं - २ छम-छम कर चली अइयो हमारे अँगना अम्बे मइया..... गलियन-गलियन  झूला डले हैं - २ झूला झूलत चली अइयो हमारे अँगना अम्बे मइया..... नव दिन की मइया झाँकी सजी है - २ सोलह श्रृंगार कर अइयो हमारे अँगना अम्बे मइया.....

मनमोहन उदक न जाये, राधिका धीरे से झुलाय दियो पालना हो माँ

मनमोहन उदक न जाये राधिका धीरे से झुलाय दियो पालना हो माँ मइया धीरे से झुलाय दियो पालना हो माँ मइया काहे के पलना बने हो माँ मइया काहे की लागी रस डोर.... राधिका.... मइया चन्दन के पलना बने हो माँ मइया रेशम लागी रस डोर.... राधिका.... मइया को जो पलना झूलिहैं हो माँ मइया को जो खींचे रस डोर.... राधिका.... मइया देवी पलना झूलिहैं हो माँ मइया लांगुर खींचे रस डोर.... राधिका.... मइया कैसे के पलना टूटिहैं हो माँ मइया कैसे के टूटे रस डोर.... राधिका.... मइया झूलत पलना टूटिहैं हो माँ मइया खींचत टूटे रस डोर.... राधिका.... मइया धीरे से झुलाय दियो पालना हो माँ

सिंहों पे हो गयी सवार

सिंहों पे हो गयी सवार, सवार महारानी सिंहों पे हो गयी सवार सिंहों पे सवार मइया तालों गयी थीं धोबी पे हो गयी दयाल दयाल महारानी सिंहों पे हो गयी सवार ..... सिंहों पे सवार मइया कुओं गयी थीं कहरा पे हो गयी दयाल दयाल महारानी सिंहों पे हो गयी सवार ..... सिंहों पे सवार मइया बागों गयी थीं माली पे हो गयी दयाल दयाल महारानी सिंहों पे हो गयी सवार ..... सिंहों पे सवार मइया महलों गयी थीं राजा पे हो गयी दयाल दयाल महारानी सिंहों पे हो गयी सवार ..... सिंहों पे सवार मइया मंदिर गयी थीं भक्तों पे हो गयी दयाल दयाल महारानी सिंहों पे हो गयी सवार ..... 

अम्बे मइया का पहाड़, लांग सीढ़िया हजार

अम्बे मइया का पहाड़, लांग सीढ़िया हजार दर्शन करने को आयी मैं आयी तेरे द्वार पहले पहर मइया कन्या जैसी लागे गोदी में उठा लो कितनी प्यारी-प्यारी लागे देखो माँ का दरबार हुआ कैसा चमत्कार दर्शन करने को आयी मैं आयी तेरे द्वार..... दूजे पहर मइया दुल्हन जैसी लागे डोली में बिठा दो कितनी प्यारी-प्यारी लागे देखो माँ का दरबार हुआ कैसा चमत्कार दर्शन करने को आयी मैं आयी तेरे द्वार..... तीजे पहर मइया देवी जैसी लागे मंदिर में बिठा दो कितनी प्यारी-प्यारी लागे देखो माँ का दरबार हुआ कैसा चमत्कार दर्शन करने को आयी मैं आयी तेरे द्वार.....

मेरी अम्बे मेरी ज्वाला मेरा उद्धार करो माँ

मेरी अम्बे मेरी ज्वाला मेरा उद्धार करो माँ हमको दर्शन देने का जरा उपकार करो माँ मेरा दिल बेचैन है माँ दरश के लिए.... एक अंधा खड़ा माँ तेरे द्वार पर रो-रो के गया है वो अब हार कर उसे नैना दे दो उम्र भर के लिए मेरा दिल बेचैन है माँ दरश के लिए.... एक बालक खड़ा माँ तेरे द्वार पर रो-रो के गया है वो अब हार कर उसे विद्या दे दो उम्र भर के लिए मेरा दिल बेचैन है माँ दरश के लिए.... एक कन्या खड़ी माँ तेरे द्वार पर रो-रो के गयी है वो अब हार कर उसे घर-वर दे दो उम्र भर के लिए मेरा दिल बेचैन है माँ दरश के लिए.... एक भक्त खड़ा माँ तेरे द्वार पर रो-रो के गया है वो अब हार कर उसे दर्शन दे दो उम्र भर के लिए मेरा दिल बेचैन है माँ दरश के लिए.... Video के लिए कृपया नीचे दिए गए मेरे Youtube Channel की लिंक में क्लिक करें और Subscribe करें- https://www.youtube.com/channel/UCmXMH5vIfHTWbh2sHqmxoUw/?sub_confirmatiom=1

मंदिर में मइया लांगुर से झगड़ी

मंदिर में मइया लांगुर से झगड़ी तू क्यों नहीं लाया रे सोने की तगड़ी अरे धीरे-धीरे बोल अरे होले-होले बोल ब्रह्मा जी सुन लेंगे सरस्वती को दे देगे तेरी सोने की तगड़ी.... अरे धीरे-धीरे बोल अरे होले-होले बोल विष्णु जी सुन लेंगे लक्ष्मी को दे देगे तेरी सोने की तगड़ी.... अरे धीरे-धीरे बोल अरे होले-होले बोल शंकर जी सुन लेंगे गौरा को दे देगे तेरी सोने की तगड़ी.... मंदिर में मइया लांगुर से झगड़ी तू क्यों नहीं लाया रे सोने की तगड़ी Video के लिए कृपया नीचे दिए गए मेरे Youtube Channel की लिंक में क्लिक करें और Subscribe करें- https://www.youtube.com/channel/UCmXMH5vIfHTWbh2sHqmxoUw/?sub_confirmatiom=1

द्वारे तिहारे बड़ी भीड़ हो जगदम्बे-अम्बे

द्वारे तिहारे बड़ी भीड़ हो जगदम्बे-अम्बे मैया द्वारे तेरे कन्या पुकारे कन्या को योग्य वर देव मेरी जगदम्बे अम्बे द्वारे तिहारे बड़ी भीड़ हो जगदम्बे-अम्बे मैया द्वारे तेरे बांझन पुकारे बांझन की गोद भर देव मेरी जगदम्बे अम्बे द्वारे तिहारे बड़ी भीड़ हो जगदम्बे-अम्बे मैया द्वारे तेरे निर्धन पुकारे निर्धन के भंडार भर देव मेरी जगदम्बे अम्बे द्वारे तिहारे बड़ी भीड़ हो जगदम्बे-अम्बे मैया द्वारे तेरे भक्त पुकारे भक्तों को दर्शन देव मेरी जगदम्बे अम्बे द्वारे तिहारे बड़ी भीड़ हो जगदम्बे-अम्बे Video के लिए कृपया नीचे दिए गए मेरे Youtube Channel की लिंक में क्लिक करें और Subscribe करें- https://www.youtube.com/channel/UCmXMH5vIfHTWbh2sHqmxoUw/?sub_confirmatiom=1

आपको पुकारें हम बार-बार माँ

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आपको पुकारें हम बार-बार माँ शीघ्र चली आना होके सिंह पे सवार माँ लाल चुनरिया मइया लाल-लाल चोला लाल फूलों के सोहे गले में हार माँ।  शीघ्र चली आना .... भवँर बीच है नइया हमारी कर दो दया अब मइया हमारी तेरा सहारा हमको - २ तेरा ही आधार माँ।  शीघ्र चली आना ....  Video के लिए कृपया नीचे दिए गए मेरे Youtube Channel की लिंक में क्लिक करें और Subscribe करें- https://www.youtube.com/channel/UCmXMH5vIfHTWbh2sHqmxoUw/?sub_confirmatiom=1

हे सिंहवाहिनी जगदम्बे

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हे सिंहवाहिनी जगदम्बे , तेरा ही एक सहारा है। मेरी विपदाएं दूर करो और कृपा दृष्टि इस ओर करो संकट के बीच घिरे हैं माँ आशा से तुम्हें पुकारा है।  हे सिंहवाहिनी जगदम्बे ... कुमकुम अक्षत और पुष्पों से नैवैद्य धूप और अर्चन से नित तुम्हें रिझाया करते हैं क्यों अब तक नहीं उबारा है।  हे सिंहवाहिनी जगदम्बे ... भव बाधायें हरने वाली जन-जन की बाधा हरती हो मेरी भी बाधाएँ  हरना जगजननी काम तुम्हारा है।  हे सिंहवाहिनी जगदम्बे ... कौमारी सरस्वती तुम हो वैषणवी तुम्हीं ब्रह्माणी हो कर शंख चक्र और पदम् लिए लक्ष्मी भी रूप तुम्हारा है।  हे सिंहवाहिनी जगदम्बे ... जब-जब मानव पर कष्ट पड़ा तब-तब तुमने औतार लिया हे कल्याणी हे ब्रह्माणी इन्द्राणी रूप तुम्हारा है।  हे सिंहवाहिनी जगदम्बे ... था शुम्भ निशुम्भ असुर मारा और रक्तबीज का रक्त पिया हे सिद्धवदी हे गौरी माँ काली भी रूप तुम्हारा है।  हे सिंहवाहिनी जगदम्बे ... दुर्लोचन को तुमने मारा महिषासुर तुमने संहारा हे सिंहवाहिनी अष्टभुजी नवदुर्गे रूप तुम्हारा है।  हे सिंहवाहिनी जगदम्बे ... जब वैश्...