जन्मे हैं आज मथुरा जल का आधार बनके

जन्मे हैं आज मथुरा जल का आधार बनके
गोकुल को जा रहे हैं यशोदा का प्यार बनके.....

वशुदेव देवकी पर विपदा घड़ी थी
हाथों में हथकड़ी थी, पग बेड़िया पड़ी थी
काली घटा से बरसे, रिम-झिम फुहार बनके
गोकुल को जा रहे हैं यशोदा का प्यार बनके..... 

पल में प्रलय सी करके, शिशु का स्वरुप धरके
माता-पिता को अपने बंधन से मुक्त करके
कंश के लिए तुम कोठित कुठार बनके
गोकुल को जा रहे हैं यशोदा का प्यार बनके..... 

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