हमें छेड़ो न मोहन डगरिया में

हमें छेड़ो न मोहन डगरिया में - २
दही खाय जइयो काल दुपहरिया में। 

कैसे मैं आऊं घर में तुम्हारे
कैसे हैं ताले , कैसे किमारे
कैसे मैं आऊं नगरिया में - २
दही खाय जइयो काल दुपहरिया में......

गांव भरे से ऊंची हवेली
नीम को गुल्ला द्वारे लगो री
तोता टंगो है पिंजरिया में
दही खाय जइयो काल दुपहरिया में......

पुरा भरे के चले जात हारे
सब के घरन में लटक रहे ताले
सूनो तो मिलहे नगरिया में - २
दही खाय जइयो काल दुपहरिया में......

जो सासु पूंछे दहिया कहाँ गओ
हम कह देबी बिलैया ने खाय लओ
तालो लगो न किमरिया में - २
दही खाय जइयो काल दुपहरिया में......

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