हटको यशोदा मइया अपने लाल को

हटको यशोदा मइया अपने लाल को
मुझको किया बेहाल,
है कितना ढीठ तेरो नन्दलाल।

जब मैं गयी थी पनिया भरन को
कान्हा गया था वंशी बजाने को
मटकी फोड़ी बहियाँ मरोड़ी
अखियाँ दिखावे पीली लाल।
है कितना ढीठ तेरो नन्दलाल........


जब मैं गयी थी जमुना नहाने को
कान्हा गया था गउएँ चराने को
सब सखियों के चीर उठा कर
चढ़े कदम की डाल
है कितना ढीठ तेरो नन्दलाल........

जब मैं गयी थी पूजा करन को
कान्हा गया था रास रचाने को
सब सखियों के हाँथ पकड़ कर
कहता कि मेरे गले में डालो जयमाल
है कितना ढीठ तेरो नन्दलाल........

Video के लिए कृपया नीचे दिए गए मेरे Youtube Channel की लिंक में क्लिक करें और Subscribe करें-https://www.youtube.com/channel/UCmXMH5vIfHTWbh2sHqmxoUw/?sub_confirmatiom=1

Comments

Popular posts from this blog

सब देवों ने फूल बरसाये, महाराज गजानन आये

हे सिंहवाहिनी जगदम्बे

हे ज्योति रूप ज्वाला माँ, तेरी ज्योति सबसे न्यारी है

पीले सिंहों पे सवार मइया ओढ़े चुनरी

अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली