स्वागत गीत - करें श्रीमान तुम्हारा अभिनन्दन







स्वागत गीत 

करें श्रीमान तुम्हारा अभिनन्दन 
शिशु नादान तुम्हारा अभिनन्दन . . . . .

सेवा-स्वागत, रीत न जाने, 
भाव न जाने प्रीत न जाने 
हम तो केवल इतना जाने 
कि हो मेहमान तुम्हारा अभिनन्दन।  शिशु . . . . . 

सुलभ न समुचित, सुख सुआसन 
सेवा और स्वागत के साधन 
दर्शन से हम हो गए पावन 
हे क्षमा के निधान तुम्हारा अभिनन्दन।  शिशु . . . . .

अन्धकार अन्तर में काला 
नेह नज़र से करो उजाला 
अर्पित है फूलों की माला 
 हे मेरे मेहमान तुम्हारा अभिनन्दन।  शिशु . . . . .

Comments

Popular posts from this blog

सब देवों ने फूल बरसाये, महाराज गजानन आये

हे सिंहवाहिनी जगदम्बे

हे ज्योति रूप ज्वाला माँ, तेरी ज्योति सबसे न्यारी है

पीले सिंहों पे सवार मइया ओढ़े चुनरी

अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली